(Cibil Score) हाल फिलहाल में ही सिबिल स्कोर से जुड़ी हुई एक नई अपडेट सामने निकल कर आ रही है और इस अपडेट में जानने को मिल रहा है कि सिविल स्कोर को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा नए नियम लागू किए गए हैं जिसके बारे में आप सभी लोन धारकों को पता होना चाहिए क्योंकि आप सभी लोन धारकों को आरबीआई के द्वारा जारी किए गए नए नियमों का पालन करना होगा।
आरबीआई के द्वारा सिविल स्कोर से जुड़े हुए नए नियम लागू किए गए हैं। अभी बैंक खाता वाली लोगों को लाभ होगा और लोन के मामले में सिविल स्कोर को हर बैंक या फिर लोन प्रदान करने वाली संस्था सबसे पहले चेक करती है और यह बैंक के लिए जितना आवश्यक है उतना ही आवश्यक सिविल स्कूल को लेकर अक्सर ग्राहकों को कई तरह की शिकायत रहती है और इन्हीं शिकायतों को देखते हुए नए नियम पारित किए गए है।
अगर आप सभी व्यक्ति भी सिविल स्कोर से जुड़ी हुई नए नियम के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो फिर आपको आर्टिकल में जुड़े रहना आई आवश्यक है क्योंकि इस आर्टिकल में सिविल स्कोर से संबंधित जारी किए गए आरबीआई के नए नियमों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है जिसे आप ध्यानपूर्वक पढ़कर समझ सकते हैं और इन नियमों को जानकार इसका पालन कर सकते हैं।
New Rules Cibil Score
जैसा कि आपको अब तक आर्टिकल में बताया गया है कि सिविल स्कोर से जुड़ी हुई नए नियम लागू किया जा चुके हैं और यह नियम लागू होने के कारण से अब ग्राहकों की सिविल स्कोर से जुड़ी हुई सभी प्रकार की समस्याओं को दूर किया जा सकेगा और इन नए नियमों का लाभ ग्राहकों को डायरेक्ट प्राप्त हो सकेगा क्योंकि ग्राहकों की समस्याओं को समाप्त करने के उद्देश्य के साथ में ही सिविल स्कोर से संबंधित नए नियम लाए गए हैं।
आरबीआई के द्वारा जारी किए गए नए नियमों का सभी ग्राहकों को और सभी बैंकों को पालन करना आवश्यक होगा और आरबीआई ने इन नियमों की सख्ती से पालना करने के लिए बैंकों, एनबीएफसी व क्रेडिट ब्यूरो कंपनियों को निर्देश भी दे दिए हैं। वही आरबीआई द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर किसी के द्वारा संबंधित नियमों का उल्लंघन किया जाता है तो उस पर कार्रवाई भी की जाएगी।
ग्राहकों को देनी होगी सिविल स्कोर चेक करने की जानकारी
सामान्य तौर पर बैंक ग्राहक के जब सिविल स्कोर को चेक किया जाता है तो इसकी सूचना ग्राहक को नहीं दी जाती है परंतु अब इसकी सूचना बैंक या एनबीएफसी सिबिल रिपोर्ट चेक करते समय ग्राहकों को देनी होगी और अगर ऐसा नहीं होता है तो कड़ी कार्रवाई की जा सकती है। आरबीआई ने नए नियमों में स्पष्ट किया है कि बैंक, एनबीएफसी या क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियां ईमेल या एसएमएस के माध्यम से यह सूचना ग्राहक को दे सकते हैं।
रिक्वेस्ट होने पर वजह बताना आवश्यक
आप सभी को तो पता है कि कई बार बैंक किसी भी लोन धारा का बैंक ग्राहक की किसी रिक्वेस्ट को बिना कारण को बताए हुए ही रिजेक्ट कर दिया जाता है परंतु अब ऐसा नहीं हो सकेगा और अब रिक्वेस्ट को रिजेक्ट करने के लिए एक स्पष्ट कारण देना होगा ताकि ग्राहक को रिजेक्टेड होने की असली वजह का पता चल सके।
अगर ऐसा होता है तो ग्राहक अपनी ओर से की गई गलती में सुधार कर सकता है। आरबीआई के द्वारा सभी क्रेडिट इंस्टिट्यूट को रिक्वेस्ट रिजेक्ट करने के कर्म की सूची को भी हर महीने भेजने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
क्रेडिट रिपोर्ट की देनी होगी फूल जानकारी
रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया के नए नियम के अनुसार अब बैंक ग्राहकों को क्रेडिट रिपोर्ट को हर वर्ष एक बार फ्री में अवगत होने का अवसर मिलेगा।भारतीय रिजर्व बैंक में क्रेडिट संस्थाओं को भी निर्देश दिए कि वह साल भर में एक बार फ्री में फूल क्रेडिट रिपोर्ट ग्राहकों को देखने को दे जिससे ग्राहक अपडेटेड रहकर लोन आदि का निर्णय सही समय पर ले सकेंगे और क्रेडिट कंपनी इसके लिए अपनी वेबसाइट पर लिंक जारी करें।
डिफाल्टर घोषित होने के पहले दे जानकारी
लोन धारक को बैंक अब से डायरेक्ट डिफॉल्टर घोषित नहीं कर पाएंगे बल्कि अब इस कार्रवाई से पहले लोन आधारित को सूचित करना होगा और भारतीय रिजर्व बैंक के नए नियमों के आधार पर यह स्पष्ट किया जा चुका है कि अब सिविल स्कोर से जुड़ी हुई समस्याओं को निपटने के लिए बैंक नोडल अधिकार नियुक्त कर सकते हैं लेकिन ग्राहकों को कोई ऐसी समस्या लंबित न रखी जाए।
समस्या का करना होगा समाधान
बैंक से जुड़ी समस्या का समाधान करना जरूरी है और बैंक के ग्राहकों की कोई सिबिल स्कोर से जुड़ी हुई समस्या है तो फिर बैंकों को एवं क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनियों को समय रहते इनका समाधान करना जरुरी रहेगा।
21 दिन में बैंक को ग्राहक की समस्या को समाधान करना होगा वहीं क्रेडिट ब्यूरो को भी इसके बारे में अवगत करवाना होगा। इसके अतिरिक्त क्रेडिट ब्यूरो को 9 दिन में सूचना मिलने के बाद ग्राहक की समस्या का समाधान करना है और ऐसा न करने पर हर दिन के हिसाब से ₹100 का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
शिकायतों की संख्या को बताना जरूरी
बैंकों व NBFC को ग्राहकों की सिबिल स्कोर शिकायतों की अनदेखी न करने के निर्देश दिए गए हैं और शिकायतों की संख्या को बताना अब जरूरी हो चुका है। इसके साथ ही क्रेडिट ब्यूरो को वेबसाइट पर प्राप्त होने वाली सभी शिकायतों की संख्या को बताते हुए सभी प्रकार का ब्यौरा देना होगा एवं शिकायतों का समय पर समाधान करना भी आवश्यक है।
अगर समय रहते बैंक या फिर क्रेडिट ब्यूरो के द्वारा शिकायत की संख्या नहीं बताई जाती है और समाधान नहीं किया जाता है तो आरबीआई संज्ञान लेते हुए इस पर करवाई कर सकता है।